समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को नौकरशाही में लैटरल एंट्री के ताजा विज्ञापन को वापस लेने पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि उसने 'पीडीए' की एकता के आगे घुटने टेक दिए। "पीडीए" का अर्थ पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक" है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि लैटरल एंट्री भर्ती के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाला सपा का आंदोलन वापस ले लिया गया है।
लैटरल एंट्रीः सरकार के झुकते ही अखिलेश ने आंदोलन वापस लिया, राहुल ने क्या कहा
- देश
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- 29 Mar, 2025
लैटरल एंट्री के मुद्दे पर मोदी सरकार आरक्षण ठिकाने लगाते हुए पकड़ी गई। यह विपक्ष का दबाव था, जो रंग लाया। हालांकि कांग्रेस ने और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सबसे पहले इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इस पर लगातार दो दिन बयान दिए। उसके बाद एनडीए के सहयोगी दलों जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी की नींद खुली और उन्होंने भी विरोध कर दिया। अब जबकि सरकार ने लैटरल एंट्री पर यूटर्न ले लिया है तो अखिलेश ने अपना 2 अक्टूबर से शुरू होने वाला आंदोलन भी वापस ले लिया है।
