‘रामसेतु’ पर मोदी सरकार की ओर से राज्यसभा में दिये गये बयान से साफ़ है कि बीजेपी ने इस मुद्दे पर मनमोहन सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए लोगों की भावनाएँ भड़काई थी। इससे देश को बड़ी आर्थिक क़ीमत चुकानी पड़ी जो सेतुसमुद्रम परियोजना के समय पर पूरे होने से लाभ के रूप में संभावित था।