‘रामसेतु’ पर मोदी सरकार की ओर से राज्यसभा में दिये गये बयान से साफ़ है कि बीजेपी ने इस मुद्दे पर मनमोहन सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए लोगों की भावनाएँ भड़काई थी। इससे देश को बड़ी आर्थिक क़ीमत चुकानी पड़ी जो सेतुसमुद्रम परियोजना के समय पर पूरे होने से लाभ के रूप में संभावित था।
‘रामसेतु’ पर मनमोहन सरकार को बदनाम किया गया!
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- 24 Dec, 2022

यूपीए-1 के समय मनमोहन सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट मे हलफ़नामा दिया था कि यह पुल एक प्राकृतिक संरचना मात्र है और इसके मानव निर्मित होने का कोई साक्ष्य नहीं है। लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस को हिंदू विरोधी सिद्ध करने का अभियान चला दिया था। अब वही बात केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कही है।