“ईसा मसीह भगवान थे। मनुष्य के शरीर में अवतरित साकार ईश्वर। ईश्वर कई बार कई रूपों में खुद को प्रकट करते हैं और तुम केवल उन रूपों की ही पूजा कर सकते हो। जो परमब्रह्म है, वह उपासना की वस्तु नहीं है। ईश्वर के निर्गुण भाव की पूजा करना बेमतलब है। मानव शरीर में अवतरित ईसा मसीह की हमें ईश्वर मानकर पूजा करनी होगी।”