दिल्ली पुलिस का छापों को लेकर दोहरा मापदंड है। बंगाल पुलिस का कहना है कि कोर्ट वारंट होने के बावजूद, उन्हें दिल्ली में तलाशी अभियान चलाने से रोक दिया गया। रोकने का काम दिल्ली पुलिस ने किया। सारा मामला झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश में ज़ब्त की गई कैश बरामदगी से जुड़ा है। हालाँकि दिल्ली पुलिस किसी भी राज्य में छापा मारकर आरोपियों और अपराधियों को पकड़ कर लाती है और स्थानीय पुलिस को सूचित तक नहीं करती है, जबकि वो दिल्ली में विपक्षी शासित राज्यों की पुलिस के आने पर उनके मूवमेंट पर रोक लगा देती है। ऐसे दो मामले छत्तीसगढ़ और पंजाब पुलिस के संदर्भ में देखे जा सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने बंगाल सीआईडी को रोके जाने के मामले में अभी कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। कोई भी अधिकारी अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। शाम तक दिल्ली पुलिस प्रेसनोट जारी कर सकती है। दिल्ली में नए पुलिस कमिश्नर की तैनाती अभी दो दिन पहले हुई है। इसलिए दिल्ली पुलिस अस्थाना के जाने के बाद ऐसे मामलों में अपनी दिशा तय नहीं कर पाई है।
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पश्चिम बंगाल सीआईडी ने बुधवार, 3 अगस्त, 2022 को दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर उसकी टीम को नकदी जब्ती मामले में झारखंड के तीन गिरफ्तार विधायकों में से एक से जुड़ी संपत्ति पर राष्ट्रीय राजधानी में तलाशी अभियान चलाने से रोक दिया है।
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों – इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक कार से 49 लाख नकद जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था, जिसमें वे यात्रा कर रहे थे। बाद में झारखंड के वकील राजीव कुमार से भी कोलकाता में ही 50 लाख कैश बरामद किया गया।
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