जहांगीरपुरी साम्प्रदायिक हिंसा में दिल्ली पुलिस ने अंसार नामक युवक को मास्टरमाइंड बताया है। पुलिस ने जैसे ही उसके बारे में मीडिया को जानकारी दी तो फौरन यह सवाल उठा कि अंसार कौन है। पुलिस ने फिर खुद ही बताया कि अंसार हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ जुए के दो केस दर्ज हैं। हालांकि पुलिस ने अंसार के बारे में जानकारी देते हुए उसे इलाके का मुस्लिम नेता कहा था।
सच क्या है? बीजेपी सही है कि आप सही है कि स्थानीय लोग सही हैं। स्थानीय लोगों के बयानों से यह तो साफ है कि अंसार जिस भी पार्टी का हो, वो इलाके में लोकल नेता या सोशल वर्कर के रूप में सक्रिय है। हालांकि अंसार का 16 अप्रैल का एक ऐसा भी वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने बजरंग दल के एक कार्यकर्ता को चाकू के साथ पकड़ा और उसे समझा रहा है कि ये सब करना बुरी बात है। हम सब हिन्दू मुसलमानों को मिलकर रहना चाहिए। वीडियो में बजरंग दल के उस युवक को भीड़ ने घेरा हुआ है। अंसार उस युवक के हाथ से चाकू ले लेता है और फिर उसे जाने के लिए कहता है। पुलिस ने इस वीडियो पर चुप्पी साधी हुई है। मीडिया ने अंसार के इस वीडियो को कोई महत्व नहीं दिया।
EXPLOSIVE‼️
— AAP (@AamAadmiParty) April 19, 2022
Jahangirpuri दंगों का मुख्य आरोपी- Ansar- भाजपा का नेता है।
साफ़ है कि BJP ने Hanuman Jayanti के पावन पर्व पर Delhi में दंगे करवाए।#BJPDangaKarvatiHai pic.twitter.com/k13ZStcrmM
लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शाम 5ः16 बजे चार फोटो शेयर किए हैं। जिसमें अंसार ने बीजेपी की टोपी लगाई हुई है। एक फोटो में उसे बीजेपी के किसी कार्यक्रम में शामिल होते हुए दिखाया गया है। दूसरे फोटो में वो बीजेपी के किसी नेता के साथ खड़ा हुआ है जो उसी इलाके का है। दोनों ने बीजेपी का बैच सीने पर लगा रखा है, जिसे चुनाव के दौरान पीएम से लेकर तमाम बीजेपी नेता लगाते हैं। एक अन्य फोटो में वो बीजेपी के प्रोग्राम में मंच पर उंगली से वी का निशाना बनाता दिख रहा है। मंच पर बीजेपी या उससे जुड़े संगठनों के स्थानीय नेता दिखाई दे रहे हैं, जो इन दिनों जहांगीरपुरी में पुलिस के साथ पीस मार्च में भी दिखाई दे रहे हैं।
अंसार के बीजेपी नेताओं के साथ वाले फोटो आम आदमी पार्टी के ट्वीट के जरिए सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लेकिन इसके जवाब में उतनी ही तेजी से बीजेपी के लोग भी उस फोटो को वायरल कर रहे हैं, जिसमें अंसार ने आम आदमी पार्टी की टोपी लगा रखी है। बीजेपी नेता यह आरोप कल से ही लगा रहे थे कि अंसार आप का है। लेकिन आप ने आज बाजी पलट दी। सोशल मीडिया पर लोग अब फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर वो अंसार को किस पार्टी का मानें? सोशल मीडिया पर लोग जो भी मानें लेकिन समुदाय विशेष के लोकल लोग अंसार को सिर्फ सोशल वर्कर के रूप में जानते हैं, जो उनके लिए खड़ा रहता था। उन्हें अंसार के खिलाफ पुलिस के आरोपों में दम नहीं लगता। लेकिन अंसार को पकड़ने के बाद ही पुलिस ने जहांगीरपुरी की हिंसा के पीछे आपराधिक साजिश की बात कही है। इसी आधार पर उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी है।
इस वीडियो में जो शख्स इस बच्चे को समझा रहे हैं वो अंसार है जिसको पुलिस ने मुख्य आरोपी बना कर गिरफ़्तारी की है।ये वीडियो ज़ब भगवा रैली मस्जिद के सामने से दूसरी बार गुज़र रही थी तबकि है।@RanaAyyub @meerfaisal01@AdityaMenon22 @alishan_jafri @asadowaisi @syedasimwaqar @sakshijoshii pic.twitter.com/GmKWZ4VCyW
— Tarique Khan (@Tarique_khan_07) April 17, 2022
अंसार का केस देर सवेर अदालत में चलेगा। ऐसे में दोनों राजनीतिक दलों की तरफ से ट्वीट किए गए फोटो काफी अहम सबूत बनेंगे। अंसार के जवाब भी कोर्ट में दिलचस्प होने वाले हैं।
बता दें कि 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में शाम को शोभायात्रा निकली थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस शोभायात्रा की अनुमति नहीं ली गई थी। शाम को रोजा खोलने के दौरान मस्जिद के सामने शोभायात्रा में शामिल लोगों और मुस्लिम समुदाय के लोगों में विवाद हुआ और शीघ्र ही यह हिंसा में बदल गया। इस दौरान पथराव हुआ और कई वाहनों में आग लगा दी गई। शोभायात्रा के दौरान कुछ लोगों को एक खास ड्रेस में पिस्तौल, तलवारें, चाकू और डंडे लहराते देखा गया। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए। एक सब इंस्पेक्टर के हाथ में गोली लगी। पुलिस ने पहले दिन एक ही समुदाय के 14 लोगों को गिरफ्तार किया।
Count the number of Minors in this video of Shobha Yatra surfaced before the violence in Jahangirpuri yesterday.pic.twitter.com/J944alE8ZI
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 17, 2022
फिर जब मीडिया ने हिंसा की सच्चाई बताई और सत्य हिन्दी ने सवाल पूछे तो दिल्ली पुलिस ने शोभायात्रा के आयोजक वीएचपी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए। हालांकि बाद में पुलिस अपने बयान से पलट भी गई। लेकिन पुलिस ने यह जरूर कहा कि उसने उस शोभायात्रा को अनुमति नहीं दी, जिसमें हिंसा हुई थी। इसके बाद वीएचपी नेताओं ने पुलिस को धमकी दी कि अगर उसके किसी कार्यकर्ता को पकड़ा तो आंदोलन होगा।
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