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हेमंत सोरेन
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जगनमोहन रेड्डी ने तिरुपति लड्डू विवाद मामले में अपने ऊपर लग रहे आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि 'भगवान के नाम पर राजनीति की जा रही है।' तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु वसा के इस्तेमाल का जो आरोप लगा है उसको घी सप्लाई करने वाली कंपनी ने भी खारिज कर दिया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी को लड्डू सप्लाई करने वाली कंपनी ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड ने मिलावट के आरोपों से इनकार किया है। इधर, लड्डू में पशु वसा मिलने के आरोपों पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
यह विवाद तब सामने आया है जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तिरुमाला में लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए घी की जगह पशु की वसा का इस्तेमाल किया था। कथित तौर पर इसकी पुष्टि एक निजी लैब की रिपोर्ट में हुई है। गुजरात में केंद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र या सीएएलएफ़ की प्रयोगशाला की 17 जुलाई की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट को हाल ही में जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में रहने के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा पाई गई।
बहरहाल, इस मुद्दे पर मचे घमासान के बीच तमिलनाडु के डिंडीगुल में स्थित ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि वह टीटीडी को घी की आपूर्ति करने वाली कई कंपनियों में से एक है। इसने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, 'सबसे पहले, एनडीडीबी लैब टेस्ट रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि घी का नमूना एआर डायरी का था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गलत सकारात्मक परिणाम की संभावना है। टीटीडी ने इस जून और जुलाई में हमारे द्वारा दिए गए घी के टैंकरों को जाँच रिपोर्ट के संतोषजनक होने के बाद ही स्वीकार किया। हमने जुलाई के बाद आपूर्ति बंद कर दी क्योंकि टीटीडी ने विक्रेता बदल दिए। गाय के चारे सहित घी में विदेशी वसा के निशान पाए जाने के कई कारण हो सकते हैं।' उन्होंने कहा है कि 'वह घी का नमूना एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड का नहीं हो सकता, यह हमारा रुख है।'
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने दावा किया कि एनडीडीबी को भेजे गए घी के चार नमूने एआर डेयरी फूड के थे और इस साल 6 जुलाई और 12 जुलाई को चार टैंकरों में आए थे।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'भगवान के नाम पर राजनीति की जा रही है।' उन्होंने कहा, 'निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है, और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। आपूर्तिकर्ताओं को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा। टीटीडी घी से नमूने जुटाता है, और केवल प्रमाणन पास करने वाले उत्पादों का उपयोग किया जाता है। टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। हमने अपने शासन में 18 बार उत्पादों को खारिज किया।'
रेड्डी ने कहा है कि टीडीपी द्वारा साझा की गई कथित लैब रिपोर्ट जुलाई की है, जो एन चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल की है।
रेड्डी ने कहा, 'हमें पता चला कि घी की गुणवत्ता खराब थी और हमने तत्काल तत्कालीन मुख्यमंत्री नायडू को इसकी जानकारी दी।' उन्होंने कहा कि उस समय आपूर्तिकर्ता एआर डेयरी घटिया घी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार थी।
बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा यह दावा किए जाने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने के लिए पशु वसा और अन्य घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
टीडीपी प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कहा, 'नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रमाणित करती है कि तिरुमाला को आपूर्ति किए गए घी को तैयार करने में गोमांस की चर्बी और पशु वसा - लार्ड और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया था।'
शुक्रवार को सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वाईएसआरसीपी सरकार के तहत टीटीडी ने सबसे कम बोली लगाने वाले को घी खरीदने का ठेका दिया था, जिसने 320 रुपये प्रति किलोग्राम की बोली लगाई थी। रेड्डी ने दावा किया, 'जब अच्छी गुणवत्ता वाले शुद्ध घी का बाजार मूल्य 900 रुपये प्रति किलोग्राम हो, तो उस दर पर शुद्ध और मिलावट रहित घी की आपूर्ति संभव नहीं है। वाईएसआरसीपी सरकार ने इतनी कम बोली लगाकर घी की गुणवत्ता से समझौता किया है।'
पिछले जुलाई में टीटीडी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के साथ अपने अनुबंध को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया था और इसके बजाय ई-टेंडर जारी करने के बाद अन्य आपूर्तिकर्ताओं को चुना था। केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नाइक ने तब कहा था कि वे 400 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से घी बेच रहे हैं, और अगर कोई कंपनी बहुत कम कीमत पर बोली लगाती है तो वे गुणवत्ता से समझौता करेंगे। इस साल जून में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए के सत्ता में आने के बाद, अनुबंध रद्द कर दिए गए और टीटीडी ने नंदिनी ब्रांड के घी की आपूर्ति के लिए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के साथ संबंधों को नवीनीकृत किया।
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