एक चीनी अनुसंधान और सर्वेक्षण जहाज 11 अगस्त को दक्षिणी श्रीलंका में चीनी संचालित हंबनटोटा बंदरगाह जा रहा है। इस वजह से भारत की चिंताएँ बढ़ी हुई लगती हैं। भारत ने कहा है कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हंबनटोटा बंदरगाह को लेकर पहले भी भारत और चीन के बीच तनाव हो चुका है। हालाँकि यह तनाव ज़्यादा नहीं बढ़ा था। तो क्या इस बार भी यह मामला पहले की तरह ही है?
चीनी जहाज जा रहा श्रीलंकाई बंदरगाह, भारत चिंतित क्यों?
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- 4 Aug, 2022
एक चीनी अनुसंधान जहाज के दक्षिणी श्रीलंका में के हंबनटोटा बंदरगाह पर जाने से भारत क्यों चिंतित है? आख़िर चीन का यह जहाज इतना अहम क्यों है?

यह हंबनटोटा बंदरगाह दक्षिणी श्रीलंका में पूर्व-पश्चिम समुद्री मार्ग के क़रीब है। इस बंदरगाह का निर्माण 2008 में शुरू हुआ था, जिसके लिए चीन ने एक बड़ा कर्ज दिया था। इसको बनाने में चीन हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी (सीईसी) और चीन हाइड्रो कॉर्पोरेशन नाम की सरकारी कंपनियों ने एक साथ मिलकर काम किया था।