औपनिवेशिक भारत में आधुनिक शिक्षा की शुरुआत हुई। मानीखेज है कि ज्योतिबा फुले-सावित्रीबाई फुले जैसे बहुजन समाज सुधारकों के प्रयत्न से गरीब वंचित तबके को भी शिक्षा हासिल करने का मौका मिला। दलित, पिछड़े और महिलाओं के लिए फूले दंपत्ति ने शिक्षा का द्वार खोला। आजादी के आंदोलन के दरम्यान डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को वंचना से मुक्ति का सबसे सशक्त माध्यम बताया था।