जिस ओमिक्रॉन वैरिएंट ने एक बार फिर से दुनिया को चिंता में डाल दिया है, देश में सोमवार को भी उस वैरिएंट के नये मामले कई राज्यों में आए। केरल में 4 और दिल्ली में 2 केस आए। इससे पहले कर्नाटक में नए वैरिएंट के 5 और मामलों की पुष्टि हुई। इसके साथ ही पूरे देश में अब तक ओमिक्रॉन के कम से कम 167 मामले आ चुके हैं।
दुनिया भर में तेज़ी से फैलते इस नये वैरिएंट की वजह से नये सिरे से चिंताएँ पैदा हो गई हैं। यूरोप के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाए किए जा रहे हैं।
ऑस्ट्रिया में भी लॉकडाउन लगाया गया है और बेल्जियम में टीका न लगवाने वालों पर पाबंदियां लगाई गई हैं। नीदरलैंड में रविवार को लॉकडाउन लगाया गया और क्रिसमस से पहले कई और देशों में कोरोना प्रतिबंध लगाए जाने की आशंका है।
ओमिक्रॉन पर ज़्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि एक शोध में कहा गया है कि यह डेल्टा से भी 70 फ़ीसदी ज़्यादा तेज़ी से फैलता है। यह वैरिएंट क़रीब 100 देशों में फैल चुका है। जबकि इस संक्रमण का सबसे पहला मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में आया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इससे पहले किसी भी वैरिएंट को इस रफ़्तार से फैलते हुए नहीं देखा गया है। डब्ल्यूएचओ इस बात को लेकर चिंतित है कि लोग ओमिक्रॉन को यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि इसके लक्षण बेहद हल्के हैं और ऐसा करके हम इसे कम करके आँक रहे हैं।
केरल में ओमिक्रॉन के 4 नये केस आने के साथ ही अब वहाँ इसकी कुल संख्या 15 हो गई है। दिल्ली में दो नये केस मिलने के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी में कुल संख्या 24 हो गई है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इनमें से 12 को छुट्टी दे दी गई है और अन्य 12 का इलाज चल रहा है। कर्नाटक में पांच मरीज धारवाड़, भद्रावती, और मंगलुरु के 1-1 और उडुपी के 2 हैं।
केंद्र और राज्य के अधिकारियों के अनुसार, ओमिक्रॉन के सबसे ज़्यादा मामले अब तक महाराष्ट्र में आए हैं।
महाराष्ट्र में 54, दिल्ली में 24, राजस्थान में 17 और कर्नाटक में 19, तेलंगाना में 20, गुजरात में 11, केरल में 15 व पश्चिम बंगाल में 4 और आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु में 1-1 मामले सामने आए हैं।
बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते तीसरी लहर आने का अंदेशा बना हुआ है। इस बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि हमें किसी भी तरह के हालात के लिए तैयार रहना चाहिए।
डॉ. गुलेरिया ने एएनआई से बातचीत में कहा, “ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत को भी तैयारी रखनी चाहिए। हालांकि हमें उम्मीद है कि ब्रिटेन जैसे ख़राब हालात यहां नहीं होंगे। हमें ओमिक्रॉन पर अभी और डाटा की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में भी अगर इसके मामले बढ़ते हैं तो हमें उस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
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