सैन्य ही नहीं, राजनीतिक स्तर पर भी कई दौर की बातचीत के बाद भारत-चीन संबंधों में जो थोड़ा बहुत सुधार हुआ था और दोनों देश पिछले साल की कड़वाहट को भूलने की कोशिश कर रहे थे, उसे धक्का पहुँचा है।