गौतम अडानी तब भी हर रोज़ 1000 करोड़ से ज़्यादा कमा रहे थे जब करोड़ों ग़रीब लोग पाई-पाई के लिए मोहताज थे। जब कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच आम लोगों की आमदनी घट रही थी। जब लोगों की नौकरियाँ जा रही थीं। यहाँ तक कि जब पूरे देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही थी। लेकिन इस बीच गौतम अडानी परिवार की संपत्ति में पिछले एक साल में 261 फ़ीसदी का उछाल आया। पिछले साल इनकी संपत्ति जहाँ 1,40,200 करोड़ रुपये थी इस बार यह बढ़कर 5,05,900 करोड़ रुपये हो गई।
इसके साथ ही अडानी एशिया के दूसरे सबसे धनवान उद्योगपति बन गए हैं। यह वह अडानी हैं जिन पर आरोप लगता रहा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के क़रीबी हैं। मुकेश अंबानी 7.2 लाख करोड़ संपत्ति के साथ लगातार 10वें साल सबसे अमीर भारतीय हैं। भारत में पिछले 12 महीनों में हर महीने पांच अरबपति बढ़ गए हैं।
आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में यह ख़बर सामने आई है। इसके अनुसार, यह पहली बार है जब गौतम अडानी और उनके दुबई में बसे भाई विनोद शांतिलाल अडानी इस सूची में शीर्ष 10 में शामिल हुए हैं। इस बार गौतम अडानी दो पायदान चढ़कर दूसरे स्थान पर पहुँचे हैं तो उनके भाई विनोद 12 पायदान चढ़कर आठवें स्थान पर पहुँचे हैं।
कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक सायरस एस पूनावाला के परिवार की संपत्ति 74 प्रतिशत बढ़ी है और अब यह 1,63,700 करोड़ रुपये हो गई है। लंदन में बसे एल एन मित्तल परिवार की संपत्ति 187 प्रतिशत बढ़कर 1,74,400 करोड़ रुपये हो गई। कुमार मंगलम बिड़ला परिवार की संपत्ति क़रीब 230 प्रतिशत बढ़कर 1,22,200 करोड़ रुपये हो गई।
हालाँकि इन सभी की तुलना में देश के सबसे रईस उद्योगपति मुकेश अंबानी की संपत्ति 9 प्रतिशत बढ़ी और यह 7,18,000 करोड़ रुपये हो गई।
अमीरों की संपत्ति इस तरह तब बढ़ती रही है जब कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद पिछले एक साल से लगातार लोगों की नौकरियाँ जाने और आमदनी काफ़ी कम होने की रिपोर्टें आती रही हैं।
सेंटर फ़ॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई का कहना है कि जुलाई महीने में ही 32 लाख लोगों की रोज़ी-रोटी छिन गई। सीएमआईई का कहना है कि जुलाई 2021 में 76.49 मिलियन यानी 7.6 करोड़ वेतनभोगी लोग थे, जबकि यह संख्या जून में 79.7 मिलियन यानी 7.9 करोड़ थी। इससे पहले भी हर रिपोर्ट बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियाँ जाने की ख़बर देती रही है।
मई महीने में सीएमआईई ने अपने सर्वे में लोगों से पूछा था कि एक साल पहले के मुक़ाबले आज उनकी कमाई का क्या हाल है। इसमें सिर्फ़ तीन परसेंट लोगों ने कहा कि उनकी आमदनी पिछले साल से बेहतर है। पचपन परसेंट लोगों ने तो साफ़-साफ़ कहा कि उनकी आमदनी एक साल पहले के मुक़ाबले कम हो गई है, और बाक़ी का कहना था कि कमाई न तो बढ़ी है और न ही घटी है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप महंगाई को हिसाब में जोड़ लें तो देश में 97 फ़ीसदी लोगों की कमाई एक साल में बढ़ने के बजाय कम हो गई है।
लेकिन लगता है कि कोरोना का असर अमीरों पर शायद उस तरह नहीं पड़ा है। आगे भी अमीरों पर ऐसा कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। बल्कि रिपोर्ट तो कहती है कि उनकी संपत्ति और तेज़ी से बढ़ेगी।
अमीरों की संपत्ति हाल के वर्षों में बेहिसाब बढ़ी है। भारत के अमीरों ने पिछले 10 वर्षों से हर दिन औसत रूप से 2,020 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है।
हुरुन इंडिया के एमडी और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, 'आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में प्रवेश करने वालों की संख्या दस साल पहले 100 से भी कम थी जो अब बढ़कर 1,007 हो गई है। मुझे उम्मीद है कि इस दर से पांच वर्षों में सूची बढ़कर 3,000 व्यक्तियों तक पहुँच जाएगी।'
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