देश के 20 भारतीय प्रबंध संस्थान यानी आईआईएम ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पत्र लिखकर माँग की है कि उन्हें ‘इंस्टीट्यूशंस ऑफ़ एक्सिलेंस’ का दर्जा दिया जाए। यह दर्जा इन शीर्ष प्रबंध संस्थानों को सम्मान दिलाने या छात्र-छात्राओं या देश के हित को देखते हुए नहीं माँगा गया है, बल्कि इसका मक़सद संस्थानों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) कोटे के माध्यमों से प्रोफ़ेसरों की भर्तियाँ नहीं करना है।