महाराष्ट्र में सत्तासीन दल शिवसेना 17वीं सदी में किसान प्रतिरोध के सबसे बड़े नेता और मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी की समर्थक है और उसका नाम भी शिवाजी के नाम पर पड़ा। महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय लगातार छापामार राजनीति चल रही है। छापेमार राजनीति का एक और उदाहरण पेश करते हुए सत्तासीन सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की जनगणना कराने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करा दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने जाति जनगणना कराने को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया और सत्तासीन दलों सहित सदन का बड़ा हिस्सा अवाक था। जाति जनगणना के प्रस्ताव को सभी दलों को एक स्वर में समर्थन करना पड़ा और एकमत से प्रस्ताव पारित करना पड़ा।