लोकसभा चुनाव प्रचार के जिस आधार पर अरविंद केजरीवाल को जमानत दी गई है, क्या अब इसी आधार पर झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भी जमानत मिल सकती है? केजरीवाल की जमानत का हवाला देते हुए सोरेन की तरफ़ से एक याचिका दायर की गई है। इस याचिक पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है और 17 मई तक जवाब मांगा है।
सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने अंतरिम जमानत याचिका की मांग करते हुए कहा कि केजरीवाल पर अदालत का आदेश सोरेन को 'कवर' करता है। जब अदालत ने 20 मई तक ईडी से जवाब मांगा तो सिब्बल ने तर्क दिया कि तब तक चुनाव खत्म हो जाएंगे। इसके बाद नयी तारीख़ तय की गई।
हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को दी गई उनकी चुनौती को खारिज कर दिया था।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में न्यायमूर्ति खन्ना ने सोरेन के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या संबंधित जमीन पर उनका कब्जा है। सिब्बल ने जोर देकर से कहा कि सोरेन का जमीन पर कब्जा नहीं है। उन्होंने कहा, 'जमीन पर मेरा कभी कब्जा नहीं था, मेरा जमीन से कोई लेना-देना नहीं है। यह बयान दर्ज किया जा सकता है।' सिब्बल ने कहा कि जमीन पर जबरन कब्जा करने से संबंधित अपराध धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत अधिसूचित अपराध नहीं है।
कपिल सिब्बल ने जिस अरविंद केजरीवाल को ज़मानत वाले फै़सले का ज़िक्र किया है उसमें अदालत ने केजरीवाल को चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी है। साथ ही उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है इस दौरान उनके द्वारा चुनाव प्रचार करने पर कोई रोक या पाबंदी नहीं रहेगी।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शुक्रवार को अपने आदेश में केजरीवाल को जमानत देते हुए सहभागी लोकतंत्र की ज़रूरत बताई और कहा था कि आम चुनाव लोकतंत्र को ताक़त देते हैं।
केजरीवाल वाले मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने पहले कहा था, 'चुनाव हैं। ये असाधारण परिस्थितियां हैं और वह आदतन अपराधी नहीं हैं।' जस्टिस दत्ता ने कहा, 'अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का कोई सवाल ही नहीं होता।'
पहले ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अवैध खनन मामले के साथ-साथ रांची में कथित भूमि घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की जा रही है। ईडी दोनों मामलों की जांच कर रहा है। इसने आरोप लगाया है कि क़रीब 8.5 एकड़ संपत्ति अपराध की आय है। इसने सोरेन पर जबरन कब्जा करने का आरोप भी लगाया है। इसने आरोप लगाया है कि इसमें सोरेन की प्रत्यक्ष भागीदारी है।
पिछले साल सितंबर में झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन तब उनको राहत नहीं मिली थी।
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