गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार, पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ जालसाजी और साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की कमान डीआईजी दीपन भद्रन को दी गई है। ये तीन लोग आरबी श्रीकुमार, संजीव भट्ट और तीस्ता सीतलवाड़ वहीं हैं, जिन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर सबसे पहले आवाज उठाई थी। जिस समय ये दंगे हुए थे, उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। गोधरा कांड के बाद हुए ये दंगे कई दिनों तक चले थे। गुजरात की कानून व्यवस्था पर उंगलियां उठी थीं। आरोप है कि इसमें मुसलमानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया। कई हजार लोग मारे गए और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।