'एक देश-एक टैक्स' के दावे के बावजूद जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) की कई दरें थीं और 28 प्रतिशत की अधिकतम दर में अब तक विकलांगों की वीलचेयर भी थी। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का नारा और सैनिटेरी नैपकिन पर भी टैक्स। आख़िरकार मामला अदालत पहुँचा तो सरकार ने उसे टैक्समुक्त किया। बहुमत के दम पर बिना तैयारी के उसी जीएसटी को लागू कर दिया गया जिसका विपक्ष में रहकर विरोध करते थे। कोई बातचीत नहीं, कोई सुनवाई नहीं। सिर्फ एकतरफ़ा मन की बात।