रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आर्मी अगले दो से तीन वर्षों में मौजूदा 12.7 लाख से अपनी ताकत में लगभग 2 लाख की कटौती करने की योजना बना रही है। द टेलीग्राफ के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि सरकार आधुनिक तकनीक से चलने वाली सेना चाहती है। इस प्रस्ताव को सेना के बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है जिसे सरकार आर्मी के आधुनिकीकरण में बाधा मानती है।