'आधार' ऐप में गड़बड़ियाँ उजागर करने वाले फ़्रांसीसी हैकर ने दावा किया है कि आरोग्य सेतु ऐप में डाटा सुरक्षित नहीं हैं और क़रीब 9 करोड़ भारतीयों की निजता ख़तरे में है। हैकर के इस दावे के जवाब में सरकार को सफ़ाई जारी करनी पड़ी। सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा है कि इसमें कोई भी सुरक्षा चूक नहीं है। इसने कहा कि उस हैकर द्वारा किसी भी यूज़र के बारे में कोई ऐसी जानकारी नहीं दी गई है जिससे सिद्ध हो कि लोगों का डाटा ख़तरे में है।
आरोग्य सेतु: सरकार को क्यों सफ़ाई देनी पड़ी कि डाटा सुरक्षा को कोई ख़तरा नहीं?
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- 6 May, 2020
फ़्रांसीसी हैकर ने दावा किया है कि आरोग्य सेतु ऐप में डाटा सुरक्षित नहीं हैं और क़रीब 9 करोड़ भारतीयों की निजता ख़तरे में है। हालाँकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा है कि इसमें कोई भी सुरक्षा चूक नहीं है।

आरोग्य सेतु ऐप पर इसलिए विवाद हो रहा है कि शुरू से ही इसमें डाटा की सुरक्षा और निजता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। अभिव्यक्ति और निजता को लेकर काम करने वाली संस्था इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन यानी आईएफ़एफ़ ने कहा है कि इस ऐप में कई कमियाँ हैं। सुरक्षा चिंताओं को लेकर सवालों के उठने के बीच ही केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों और सभी निजी कंपनियों से भी कहा है कि वे सब अपने अपने कर्मचारियों के लिए इसे मोबाइल पर डाउनलोड करना अनिवार्य कर दें। दिल्ली से सटे नोएडा में तो प्रशासन ने मोबाइल में इस ऐप को इंस्टॉल नहीं करने पर तो दंडनीय अपराध बना दिया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अगर कोई बाहर दिखता है और उसके स्मार्टफ़ोन पर इस ऐप को नहीं पाया जाता है तो उसपर जुर्माना लगाया जा सकता है या जेल की सजा दी जा सकती है। ऐसा तब है जब इस ऐप को लॉन्च करते समय कहा गया था कि यह पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा।