बीजेपी को 2024 में सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। फतेहाबाद में रविवार 25 सितंबर की रैली से यही संकेत मिला है। हालांकि इस रैली में कांग्रेस शामिल नहीं हुई लेकिन नीतीश कुमार ने पूरी तरह संकेत दिया कि कांग्रेस भी हमारे साथ आएगी। नीतीश के बयान से यह भी साफ हो गया कि बिना कांग्रेस विपक्षी एकता नहीं हो पाएगी। बता दें कि रविवार को ही नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात तय है।
विपक्ष की फतेहाबाद रैली हालांकि इंडियन नैशनल लोकदल (इनैलो) प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने की थी। इस पार्टी का फिलहाल हरियाणा में बुरा हाल है। हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस है। लेकिन कांग्रेस चौटाला की इस रैली से दूर रही। चौटाला भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में लंबी सजा काटकर बाहर आ चुके हैं। विपक्ष की इस रैली में जेडीयू के नीतीश और केसी त्यागी के अलावा आरजेडी के तेजस्वी यादव, सीपीएम के सीताराम येचुरी, एनसीपी के शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल मौजूद थे। इस खबर के लिखे जाने तक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से भी कोई नेता इस रैली में नहीं पहुंचा था। हालांकि पहले ममता बनर्जी के आने का प्रचार अभय चौटाला की तरफ से किया गया था।
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मैं पीएम उम्मीदवार नहीं हूं। लेकिन कोई तीसरा मोर्चा नहीं, कांग्रेस समेत एक मोर्चा हो, तो हम 2024 में बीजेपी को हरा सकते हैं।
-नीतीश कुमार, 25 सितंबर शाम को फतेहाबाद में विपक्ष की रैली में
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अब कोई एनडीए नहीं है। शिवसेना, अकाली दल, जेडीयू जैसे बीजेपी के सहयोगियों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए इसे छोड़ दिया है।
- तेजस्वी यादव, आरजेडी, 25 सितंबर को विपक्ष की फतेहाबाद रैली में
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 2024 में सरकार परिवर्तन सुनिश्चित करने की दिशा में सभी के लिए काम करने का समय आ गया है। किसान, युवा आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार कोई समाधान पेश नहीं कर रही है। पवार ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का वादा किया, लेकिन इसे पूरा नहीं किया।
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