loader

सरकार से बातचीत टूटने के बाद फतेहगढ़ साहिब से किसानों का मार्च शुरू 

राज्य की सीमाओं पर पुलिस बलों की भारी तैनाती के बावजूद, किसानों का "दिल्ली चलो" विरोध प्रदर्शन मंगलवार सुबह फतेहगढ़ साहिब से शुरू हो गया। किसान नेताओं और दो केंद्रीय मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ बातचीत सोमवार देर रात विफल रही। सरकार से बातचीत में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेता शामिल थे। सोमवार देर रात दोनों पक्षों के बीच पांच घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत इसलिए टूटी, क्योंकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल किसानों की तीन मुख्य मांगों पर सहमत नहीं हुए। इनमें सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी मुख्य मांग है। सरकार किसानों और खेत मजदूरों के लिए कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में दिए गए फॉर्मूले के अनुसार सभी फसलों के एमएसपी तय करने पर तैयार नहीं है।

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने 8 फरवरी को पहली बैठक के दौरान दिए गए प्रस्तावों को दोहराया। उन्होंने कहा कि “चूंकि वे झुकने को तैयार नहीं हैं, इसलिए किसानों के पास दिल्ली तक अपना मार्च शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” किसान नेता सोमवार रात 11.45 बजे बैठक से बाहर चले आए थे। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों के समाधान को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने बात करने और चीजों को सुलझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे (सरकार) हमें कुछ भी नहीं देना चाहते।"

ताजा ख़बरें
बातचीत के लिए देशभर से चंडीगढ़ पहुंचे किसान नेता सभी फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और किसानों व खेत मजदूरों की पूर्ण कर्ज माफी पर अड़े रहे। हालांकि दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने कथित तौर पर एमएसपी के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक समयबद्ध समिति गठित करने की पेशकश की, लेकिन किसान नेताओं ने नरम रुख अपनाने से इनकार कर दिया। कथित तौर पर मंत्रियों ने किसी भी कर्ज माफी की घोषणा करने से भी इनकार कर दिया। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय टीम एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा उठाई गई 17 मांगों में से पांच पर सहमत हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, ''हम अब भी किसानों से बातचीत करने और खुले मन से उनकी बात सुनने को तैयार हैं।''

ड्रोन से बरसेंगे आंसू गैस के गोलेः 13 फरवरी को किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित डबवाली में भारी बल तैनात किया है। 1,000 पुलिसकर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बल की आठ कंपनियां भी तैनात की गई हैं। हरियाणा पुलिस ने सोमवार को बॉर्डर पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाने की प्रैक्टिस की है।

किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कंक्रीट बैरिकेडिंग और कंटीली बाड़ लगाने के साथ-साथ लोहे की कीलें लगाई गई हैं। यहां तक ​​कि डबवाली में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं और पुलिस किसानों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। वर्तमान में, लोगों को उचित सत्यापन के बाद बैरिकेड्स को पार करने की अनुमति दी जा रही है।

तलवंडी साबो के नथेहा गांव में भी ऐसी ही स्थिति है, जो हरियाणा की सीमा से लगता है। भाखड़ा नहर की एक सहायक नदी पर बने पुल को बंद कर दिया गया है और पुलिस लोगों से अत्यधिक आपात स्थिति में ही अपने घरों से बाहर निकलने को कह रही है। हालांकि किसानों ने अपने ट्रैक्टर नदी के अंदर से निकाल लिए हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें किसानों को नदी से ट्रैक्टर निकालते देखा जा सकता है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐसा ही एक वायरल वीडियो शेयर किया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें