दिसंबर 2021 में किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सदस्यों के भीतर मतभेद उभर आए, जिसके कारण एसकेएम (गैर-राजनीतिक) का निर्माण हुआ, जो बाद में किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) में बदल गया। जहां केएमएम 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' का आयोजन कर रहा है, वहीं एसकेएम 16 फरवरी को 'भारत बंद' का आयोजन कर रहा है।
किसान आंदोलन के चेहरे इस बार क्यों बदले हुए हैं, सब कुछ पंजाब के कंट्रोल में क्यों
- देश
- |
- 29 Mar, 2025
किसान आंदोलन के चेहरे इस बार बदले हुए हैं। अभी तक किसान नेताओं के रूप में गुरनाम सिंह चढ़ूनी, राकेश टिकैत आदि सामने आते रहे हैं, लेकिन इस बार नेतृत्व पूरी तरह से पंजाब के किसान नेताओं के पास हैं। हालांकि चंडीगढ़ बातचीत में कई किसान नेता शामिल हुए थे, लेकिन इस बार किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब के तीन किसानों नेताओं के आह्वान पर सड़कों पर निकाले हैं। जानिए इनके बारे मेंः
