फ़ेसबुक हेट पोस्ट मामले को लेकर जैसा हंगामा भारत की राजनीति में मचा है, अब लगता है वैसी ही खलबली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़ेसबुक के भीतर भी मचनी शुरू हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया भर में फैले फ़ेसबुक के कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी में आंतरिक तौर पर पत्र लिखकर फ़ेसबुक और कंपनी की भारत में प्रमुख लॉबीइस्ट आँखी दास पर सवाल उठाए हैं। इसने सवाल पूछा है कि फ़ेसबुक के सबसे बड़े बाज़ार में राजनीतिक कंटेंट को कैसे रेगुलेट किया जा रहा है। पत्र में सबसे बड़ा आरोप यह लगाया गया है कि इस प्लेटफॉर्म पर मुसलिम विरोधी घृणा फैलाई जा रही है और कंपनी के नेतृत्व से माँग की गई है कि वे इसे ध्यान में लें और मुसलिम विरोधी घृणा को पनपने न दें।
फ़ेसबुक कर्मचारियों ने पत्र लिखकर कहा- मुसलिम विरोधी घृणा रुके: रिपोर्ट
- देश
- |
- 27 Aug, 2020
दुनिया भर में फैले फ़ेसबुक के कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी में आंतरिक तौर पर पत्र लिखकर पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि फ़ेसबुक नेतृत्व मुसलिम विरोधी घृणा को पनपने न दें।

फ़ेसबुक हेट पोस्ट का यह विवाद तब सामने आया जब ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने फ़ेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर आँखी दास पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की। अख़बार के इस ख़ुलासे के बाद आँखी दास विवादों में घिर गयी हैं कि उन्होंने बीजेपी के कुछ नेताओं की ऐसी पोस्ट को हटाने से मना कर दिया था, जो घृणा फैलाने वाली थीं। इसके बाद फ़ेसबकु भी निशाने पर आ गया।