चुनावी बॉन्ड को भले ही बंद कर दिया गया है, लेकिन चुनावी चंदे में पैसे की बारिश जारी है। पहले चुनावी बॉन्ड में करोड़ों रुपये आते थे और अब इलेक्टोरल ट्रस्ट में। चुनावी बॉन्ड बंद होने से पहले साढ़े दस महीने में इलेक्टोरल ट्रस्ट के ज़रिए जितने चंदे मिले थे उससे क़रीब तीन गुना चंदा बॉन्ड बंद होने के बाद डेढ़ महीने में ट्रस्ट के माध्यम से आ गया।