loader

चीन ने बिना आँकड़े जारी किए वैक्सीन को मंजूरी क्यों दी?

डब्ल्यूएचओ द्वारा फाइजर को आपात मंजूरी दिए जाने के बीच ही चीन ने भी नये साल यानी 2021 की पूर्व संध्या पर अपने देश में विकसित कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसने वैक्सीन के ट्रायल के आँकड़े नहीं जारी किए हैं। इस पर सवाल उठ रहे हैं। ख़ासकर इसलिए कि क्या चीन ने यह दिखाने के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी है कि वह पश्चिमी देशों से बायोलॉजिकल डवलपमेंट में पीछे नहीं है?

जब वैक्सीन विकसित की जा रही थी तो चीन की वैक्सीन दुनिया में सबसे अव्वल रहे देशों में थी। लेकिन अब जबकि फाइजर, मॉर्डना, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका जैसी वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है तो चीन की सरकार ने भी अपने देश में विकसित वैक्सीन को मंजूरी दे दी। 

ख़ास ख़बरें

चीन सरकार ने गुरुवार को कहा है कि उसने यह मंजूरी क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के शुरुआती विश्लेषण में वैक्सीन के क़रीब 79 फ़ीसदी प्रभावी होने के बाद दी है। चीन में जिस वैक्सीन को मंजूरी मिली है उसे चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म ने तैयार किया है। हालाँकि ट्रायल से जुड़े आँकड़े जारी नहीं करने पर सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों के बीच ही गुरुवार को सिनोफार्मा के एक कार्यकारी अधिकारी ने बिना कोई तारीख तय किए हुए कहा कि विस्तृत डेटा बाद में जारी किया जाएगा।

फाइजर, मॉर्डना और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका कंपनी की वैक्सीन के ट्रायल के आँकड़े मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किए जा चुके हैं। फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन क़रीब 95 फ़ीसदी प्रभावी रही हैं।

फाइजर को कम से कम 40 देशों में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। डब्ल्यूएचओ ने भी फाइजर वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इसने कहा है कि फ़ाइजर वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। इसने यह भी कहा है कि वैक्सीन के मानक पर फाइजर की वैक्सीन पूरी तरह खरा उतरती है। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन औसत रूप से क़रीब 70 फ़ीसदी प्रभावी बतायी गई है। रूस की स्पुतनिक वैक्सीन के बारे में भी दावा किया गया है कि वह 91 फ़ीसदी प्रभावी है। हालाँकि स्पुतनिक वैक्सीन पर भी इस पर विवाद हुआ था कि उसने वैक्सीन के ट्रायल के आँकड़े जारी नहीं किए। 

china coronavirus vaccines approval controversy - Satya Hindi

बहरहाल, चीन में सिनोवैक बायोटेक, चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप (सिनोफार्म), कैनसिनोबायो और चाइनीज एकेडमी ऑफ़ साइंसेज के पाँच टीके क्लिनिकल ट्रायल के आख़िरी चरण में हैं। इनमें से किसी ने वैक्सीन के एफिकेसी यानी प्रभाविकता का डेटा जारी नहीं किया है। कैनसिनोबायो को सैनिकों को टीका लगाने की मंजूरी चीन ने पहले ही दे दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वैक्सीन 40-50 हज़ार लोगों को लगाई जा चुकी है। हालाँकि इस वैक्सीन को आम लोगों के लिए अनुमति नहीं दी गई है। 

अब सिनोफार्म की वैक्सीन को मंजूरी दिया जाना चीन की तकनीकी और कूटनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भी बयां करता है। यह इसलिए कि एक सफल वैक्सीन चीन की अमेरिका और दूसरे विकसित देशों से प्रतिद्वंद्विता में ला खड़ा करेगी।

छवि चमकाने का प्रयास

यह भी कहा जा रहा है कि एक सफल वैक्सीन से चीन की छवि भी चमक सकती है, खासकर उस दौर में जब चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना की जा रही है। आलोचना इसलिए कि पिछले साल के अंत में वुहान शहर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने पर चीन पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया गया था। उस पर यह आरोप तक लगाया गया कि चीन की लापरवाही के कारण ही पूरी दुनिया में यह वायरस फैला। चीन की सरकार तब से ही बार-बार यह सफ़ाई जारी करती रही है कि उस पर ग़लत आरोप लगाया जा रहा है। यानी उसे दुनिया भर में अपनी छवि की चिंता तो होगी ही।

इसी कारण जल्द एक सफल वैक्सीन आने और उसे दुनिया को उपलब्ध कराने पर चीन और उसके नेता शी जिनपिंग की पार्टी की छवि को सुधारने में मदद मिल सकती है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें