मोदी सरकार ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने का विरोध किया है। इसने बलात्कार पर मौजूदा उन कानूनों का समर्थन किया है जो पति और पत्नी के बीच यौन संबंधों को अपवाद बनाते हैं। इसी क़ानून की जगह पर मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दायर की गई हैं।
केंद्र ने किया वैवाहिक बलात्कार को अपराध बताने का विरोध; जानें क्या दलील दी
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- 29 Mar, 2025
केंद्र सरकार आख़िर बलात्कार पर मौजूदा उन कानूनों का समर्थन क्यों किया है जो पति और पत्नी के बीच यौन संबंधों को अपवाद बनाते हैं? पति-पत्नी में जबरन संबंध बनाने को अपराध घोषित करने का विरोध क्यों?

इन याचिकाओं का सरकार ने विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर अपने जवाब में केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि वैवाहिक बलात्कार का मुद्दा कानूनी से ज़्यादा एक सामाजिक चिंता का विषय है और कोई भी निर्णय लेने से पहले इससे जुड़े लोगों के साथ व्यापक परामर्श की ज़रूरत है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अपवाद खंड को उसकी संवैधानिक वैधता के आधार पर ख़त्म करने से विवाह संस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।