केंद्र सरकार आख़िर बलात्कार पर मौजूदा उन कानूनों का समर्थन क्यों किया है जो पति और पत्नी के बीच यौन संबंधों को अपवाद बनाते हैं? पति-पत्नी में जबरन संबंध बनाने को अपराध घोषित करने का विरोध क्यों?
दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच ने बुधवार को मेरिटल रेप पर खंडित फैसला सुनाया। अपने फैसले में दो जजों की बेंच ने जो लिखा है, वो भी जानना चाहिए कि आखिर इस विषय पर उनके विचार विस्तार से क्या हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। उसका कहना है कि शादी का मतलब ये नहीं है कि किसी को अपनी पत्नी के प्रति यौन हमले का अधिकार मिल जाता है।