भारत में जाति अहम मसला है। विभिन्न अख़बारों से लेकर नेता तक जातियों की संख्या का अनुमान लगाते रहते हैं और उसी के मुताबिक़ समीकरण बैठाते हैं।
सरकार को जाति जनगणना पर गंभीर होने की ज़रूरत
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- 31 Jul, 2021

यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई प्लस) की रिपोर्ट चर्चा में है क्योंकि इसमें स्कूल में पंजीकरण के आधार पर विभिन्न जातियों के बच्चों का अनुमान लगाया गया है।
अब यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई प्लस) की रिपोर्ट चर्चा में है।
2019 के इन आँकड़ों के मुताबिक़, प्राथमिक स्कूलों में पंजीकरण के आधार पर देश में 25 प्रतिशत सामान्य, 45 प्रतिशत ओबीसी, 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 11 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति हैं।