इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोरोना मरीज़ों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही कुछ ज़रूरी सेवाओं में लगे लोगों को फ़्रंटलाइन वर्कर के तौर पर पहचान की है। इसमें चेक प्वाइंट पर तैनात पुलिस कर्मी, बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड, बस ड्राइवर व दूसरे स्टाफ़, सब्ज़ी बेचने वाले, फ़ार्मासिस्ट शामिल हैं। आईसीएमआर ने कहा है कि उन स्वास्थ्य कर्मियों और प्रवासी मज़दूरों की तरह ही इन सभी में फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर जाँच की जानी चाहिए।