अब तक अधिकतर शुगर के मरीज़ या फिर कोरोना की गंभीर बीमारी से उबरे व्यस्क लोगों के ब्लैक फंगस का शिकार होने की ख़बरें आती रही थीं, लेकिन अब लगता है कि बच्चों के लिए भी यह काफ़ी घातक है। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस से संक्रमित तीन बच्चों की आँखें निकालनी पड़ी हैं। ब्लैक फंगस हाल में तब काफ़ी ज़्यादा चर्चा में रहा जब डायबिटीज जैसे कोमोर्बिडिटीज वाले कोरोना के मरीज़ों में इसके काफ़ी ज़्यादा मामले आए। कोरोना से ठीक हुए ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस का ख़तरा ज़्यादा होता है। तो इन तीनों बच्चों में ऐसी दिक्कतें कैसे आ गईं?
ब्लैक फंगस के शिकार बच्चे भी; मुंबई में 3 की आँखें निकालनी पड़ीं
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- 17 Jun, 2021
अब तक अधिकतर शुगर के मरीज़ या फिर कोरोना की गंभीर बीमारी से उबरे लोगों के ब्लैक फंगस का शिकार होने की ख़बरें आती रही थीं, लेकिन महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस से संक्रमित तीन बच्चों की आँखें निकालनी पड़ी हैं।

ब्लैक फंगस को तकनीकी भाषा में म्यूकोर्मिकोसिस कहा जाता है। लेकिन आम तौर पर यह ब्लैक फंगस के नाम से चर्चित है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है। यह संक्रमण म्यूकोर्मिसेट नाम के एक फंगस से फैलता है। यह संक्रमण के शिकार किसी व्यक्ति से नहीं फैलता है, बल्कि म्यूकोर्मिसेट पर्यावरण में मौजूद होता है। यानी हर कोई सांस लेने पर इस फंगस के संपर्क में आ सकता है लेकिन संक्रमित वह व्यक्ति होता है जिसका शरीर इससे लड़ पाने में सक्षम नहीं होता है।