अग्निपथ से निकले अग्निवीरों को गार्ड की नौकरी देने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय वीडियो वायरल होने के बाद सफाई दे रहे हैं। अपनी मूल टिप्पणी पर 'स्पष्टीकरण' जारी करते हुए, बीजेपी विजयवर्गीय ने ट्वीट किया कि उनका मतलब यह था कि सेना के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, जहां भी अग्निवीर जाएंगे, उनकी उत्कृष्टता का इस्तेमाल किया जाएगा।
कैलाश विजयवर्गीय रविवार को वायरल वीडियो में यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अगर उन्हें अपनी पार्टी (बीजेपी) के कार्यालय को सुरक्षित रखने के लिए किसी को (गार्ड) किराए पर लेना पड़ा, तो वह 'अग्निवीर' को वरीयता देंगे।
लेकिन अब विजयवर्गीय कुछ और कह रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किए गए बयान में कहा कि अग्निपथ योजना के तहत ग्रैजुएट होने के बाद, अग्निवीर अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित होंगे। सेना के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद वे जहां भी जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग किया जाएगा। ठीक यही मेरा मतलब था।
उन्होंने कहा कि टूलकिट गैंग से जुड़े लोग अग्निवीरों का अपमान करने के लिए मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। राष्ट्र इस टूलकिट गिरोह द्वारा राष्ट्रीय और धार्मिक नायकों के खिलाफ रची जा रही साजिशों से अच्छी तरह वाकिफ है।
66 साल के बीजेपी नेता का यह 'स्पष्टीकरण' तब आया जब विपक्षी दलों ने उन पर देश के युवाओं और सेना का अपमान करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा था कि जब एक अग्निवीर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करता है और चार साल बाद सेवा छोड़ देता है, तो उसे ₹11 लाख मिलेंगे, साथ ही अग्निवीर का बैज भी मिलेगा। अगर मुझे बीजेपी कार्यालय में सुरक्षा के लिए किराए पर किसी को रखना है, तो मैं एक अग्निवीर पसंद करूंगा। विजयवर्गीय वायरल क्लिप में कहते हुए नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी समेत तमाम नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान की निन्दा की है। इमरान ने कहा कि दरअसल, बीजेपी का मकसद सामने आ गया है। वो सम्मानित सैनिकों को गार्ड बनाना चाहती है।
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