कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की बैठक (जी 23) आज रात होनी है लेकिन उससे पहले कपिल सिब्बल पर कांग्रेस के वफादार नेताओं के हमले बढ़ते जा रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज सिब्बल पर कई तीखे सवाल किए। खड़गे ने तो यह कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस को कोई कमजोर नहीं कर सकता। पांच राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, यूपी और गोवा में चुनावी हार के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर टिप्पणियां कीं। जी-23 के सदस्यों में से एक सिब्बल ने कहा था कि गांधी परिवार - (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) को हट जाना चाहिए और किसी अन्य नेता को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
सिब्बल ने कहा था, मुझे 'सब की कांग्रेस' चाहिए। लेकिन कुछ 'घर की कांग्रेस' चाहते हैं।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज कहा कि कपिल सिब्बल कहां के नेता हैं मुझे पता नहीं। कांग्रेस पार्टी के कारण उन्हें कई तरक्कियां मिलीं। जब वह यूपीए सरकार में मंत्री थे तब चीजें अच्छी थीं जब यूपीए सत्ता में नहीं रही, तो उन्हें सबकुछ बुरा लग रहा है। उन्हें एक मिसाल कायम करनी चाहिए कि वह कांग्रेस के समर्थन के बिना कुछ कर सकते हैं। वे अपनी अपनी विचारधारा के लिए खुद लड़ें। नहीं तो सिर्फ एसी रूम में बैठकर इंटरव्यू देने का क्या नतीजा है।
अधीर रंजन चौधरी
चौधरी ने कहा, उन लोगों (जी 23 नेता) सत्ता से बाहर रहने की आदत नहीं है। इसलिए वे आलोचना करते हुए खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि उनका (कपिल सिब्बल) जनाधार क्या है। .उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सिब्बल पर निशाना साधा। खड़गे ने कहा, 'कपिल सिब्बल भले ही एक अच्छे वकील हों लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के अच्छे नेता नहीं हैं। वह कांग्रेस के लिए काम करने के लिए कभी किसी गांव नहीं गए। वह जानबूझकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। सोनिया गांधी या कांग्रेस पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता।
मल्लिकार्जुन खड़गे
बता दें कि कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 के नेता बुधवार रात को डिनर पर मिलेंगे। पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद असंतुष्ट नेताओं की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। क्योंकि इसमें असंतुष्ट नेता कोई नई रणनीति बना सकते हैं। चुनावी हार के बाद जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई तो इससे पहले यह खबर आई कि गांधी परिवार के सभी सदस्यों ने इस्तीफा देने की बात कही है। लेकिन कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया गया। लेकिन जैसा कि तय माना जा रहा था चुनावी हार के बाद G-23 गुट पार्टी नेतृत्व पर हमले तेज करेगा वैसा ही हुआ।
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