loader

ग़लती से चली भारतीय मिसाइल पर पाक करने वाला था जवाबी हमला: रिपोर्ट

तकनीकी ख़राबी की वजह से जो मिसाइल भारत से चल गई थी और पाकिस्तान में गिरी थी उस पर पाकिस्तान भी जवाबी हमला करने ही वाला था। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने जवाबी हमले के लिए उसी तरह की मिसाइल दागने की तैयारी कर ली थी लेकिन आख़िरी वक़्त में वह फ़ैसला बदला गया। ऐसा इसलिए कि पाकिस्तान को शुरुआती आकलन में कुछ संकेत मिले कि कुछ गड़बड़ी थी। ब्लूमबर्ग ने इस मामले से वाकिफ लोगों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है।

माना जाता है कि मिसाइलों से इस तरह की कोई जवाबी कार्रवाई दोनों देशों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती थी। ऐसा इसलिए कि दोनों देशों के बीच लंबे अरसे से ख़राब रिश्ते हैं और मिसाइलों से हमले के बुरे अंजाम हो सकते हैं। ख़ासकर, इसलिए भी कि दोनों देश परमाणु बम से लैस हैं।

ताज़ा ख़बरें

दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब पाकिस्‍तानी सेना ने 10 मार्च को कहा कि अज्ञात फ्लाइंग ऑब्‍जेक्‍ट की वजह से नागरिक उड़ानों को ख़तरा पैदा हो गया और भारत को इसका एक स्‍पष्‍टीकरण देना चाहिए। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता मेजर जनलर बाबर इफ्तिखार ने दावा किया था, '9 मार्च को हाई स्‍पीड फ्लाइंग ऑब्‍जेक्‍ट को पाकिस्‍तान एयर फोर्स के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर ने भारतीय क्षेत्र में पकड़ा।'

जिस 'फ्लाइंग ऑब्‍जेक्‍ट' को पाक क्षेत्र में गिरने का दावा किया गया था उसको लेकर भारत ने कहा था कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एक मिसाइल चल गई थी। कहा गया कि प्रणालियों की जांच के लिए नियमित अभ्यास के दौरान मानवीय और तकनीकी गड़बड़ी के कारण दुर्घटना हुई थी। भारत के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को इस घटना के लिए 'तकनीकी खराबी' को ज़िम्मेदार बताया था और 'गहरा खेद' जताया था।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना से मिसाइल चल जाने के बाद भारत के वायु सेना के अधिकारियों ने मिसाइल सिस्टम को बंद कर दिया ताकि ग़लती से और कोई मिसाइल न चल जाए। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से यह भी कहा गया है कि इस दुर्घटना के बारे में भारत ने सीधे हॉटलाइन से पाकिस्तान को कोई जानकारी नहीं दी। 

रिपोर्ट में पाकिस्तानी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने इस घटना को प्रचारित करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पाकिस्तानी विरोध के बाद भारत ने शुक्रवार को आखिरकार प्रतिक्रिया दी थी।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को इसलामाबाद में एक ब्रीफिंग में कहा, 'अगर पाकिस्तान की वायु सेना ने इसे भारत के सामने नहीं उठाया होता और यह दुर्घटना वाली प्रतिक्रिया से मेल खाता तो क्या लोगों को इसके परिणामों का एहसास था। यह बेहद गंभीर है।'

देश से और ख़बरें

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद ख़राब रहे हैं और ये बेहद नाजुक भी हैं। एक ग़लतफहमी या अफवाह भी दोनों देशों के बीच बड़े ख़तरनाक हालात में बदल सकते हैं। दोनों देशों के बीच 2019 से तनाव बढ़ गया है, जब एक आत्मघाती हमलावर ने भारतीय कश्मीर में 40 भारतीय अर्धसैनिक पुलिस को मार डाला था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 1971 के बाद से पाकिस्तानी धरती पर भारत के पहले हवाई हमलों का अंजाम दिया था। इसके कारण हवाई हवाई लड़ाई भी हुई।

बहरहाल, रिपोर्ट में कहा गया है कि न तो इस मामले में भारत और न ही पाकिस्तान के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है। लेकिन, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में इतना ज़रूर कहा है कि एक जाँच से उन सटीक कारणों का पता चलेगा जिनके कारण आकस्मिक रूप से मिसाइल चली। उन्होंने कहा, 'भारत अपने मिसाइल सिस्टम की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और जांच में सामने आने वाली किसी भी कमी को दूर किया जाएगा।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें