यासीन मलिक, मसरत आलम और शब्बीर शाह इन दिनों तिहाड़ जेल में हैं। यूएपीए क़ानून के सेक्शन 45 के तहत कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है।
जब एनआईए ने पिछले साल चार्जशीट दाख़िल की थी तो इसमें हुर्रियत के मुखिया के दामाद अल्ताफ़ फंतोस, कश्मीरी व्यापारी ज़हूर अहम शाह वटाली, नईम ख़ान, राजा मेहराजुदीन कलवाल, बशीर अहमद भाट और अन्य के नाम इसमें शामिल थे।
टेरर फ़ंडिंग में गिरफ़्तार चार प्रमुख लोगों यासीन मलिक, शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी और पत्थरबाजों के पोस्टर बॉय मसरत आलम को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई थी जिसमें कई सनसनीखेज जानकारियाँ मिली थीं।
कुछ समय पहले ही ख़ुलासा हुआ था कि टेरर फ़ंडिंग (आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना) में गिरफ़्तार आसिया अंद्राबी के बेटे की मलेशिया में चल रही पढ़ाई के लिए दुबई से पैसे जाते थे। यह भी ख़ुलासा हुआ था कि दो साल से जेल में बंद हवाला ऑपरेटर जहूर अहमद बटाली आसिया के बेटे की पढ़ाई के लिए पैसे मंगाया करता था। यही नहीं बटाली दूसरे अलगाववादी नेताओं के परिजनों की पढ़ाई के लिए भी पैसे का बंदोबस्त किया करता था। टेरर फ़ंडिंग मामले की तफ़्तीश कर रही एनआईए की जाँच में यह ख़ुलासा हुआ था।
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