क्या बीजेपी को पता है कि जब-जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का प्रयास किया गया है, तीख़ा विरोध हुआ है और हिंदी विरोधी आंदोलन में लोगों की जानें गई हैं। क्या बीजेपी इतिहास से सबक लेगी?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।