कर्नाटक चुनाव में नंदिनी बनाम अमूल के अलावा हिन्दी को भी मुद्दा बनाया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार मधुरेंद्र सिन्हा का कहना है कि वहां कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वो हिन्दी विरोध को मुद्दा बना रही है। हालांकि यह उनका अपना विचार है। कर्नाटक चुनाव में फिलहाल नंदिनी बनाम अमूल अभी भी बड़ा मुद्दा है।
क्या बीजेपी को पता है कि जब-जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का प्रयास किया गया है, तीख़ा विरोध हुआ है और हिंदी विरोधी आंदोलन में लोगों की जानें गई हैं। क्या बीजेपी इतिहास से सबक लेगी?