अडानी समूह पर संसद में दो दिनों से चल रही उठापटक का अंत इस तरह होगा, अंदाजा नहीं था। अडानी पर जिस तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी हमलावर रहे हैं, और जो तेवर उन्होंने मंगलवार को संसद में दिखाए थे, उम्मीद की जा रही थी की पीएम मोदी आज बुधवार को उसका आक्रामक जवाब देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम मोदी का लहजा आक्रामक और चुटीला था, लेकिन अडानी का कोई संदर्भ नहीं देकर एक तरह से केंद्र सरकार ने राहुल के हमलों से बचने का रास्ता तलाशा। पीएम का भाषण या जवाब महज़ अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताने और विपक्ष पर सामान्य हमले तक सीमित रहा। बीजेपी क़रीब नौ वर्षों से सत्ता में है। वो अब आर्थिक मोर्चे पर गड़बड़ियों का जवाब देने के मुद्दे पर भाग नहीं सकती।