अडानी पर लगे आरोपों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जंग छिड़ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अडानी वाले बयानों को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है। दूसरी तरफ उन्हीं बयानों को लेकर बीजेपी के तमाम सांसदों ने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी दे दिया है। सवाल ये है जब राहुल के अडानी वाले बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है तो राहुल के खिलाफ लाए जा रहे तमाम नोटिसों का क्या होगा। राहुल के बयान को हटाए जाने को कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कहा है।
With the expunging of @RahulGandhi's remarks on PM linked Adani MahaMegaScam, deMOcracy was cremated in the Lok Sabha. OM Shanti
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 8, 2023
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने आज बुधवार दोपहर को एक ट्वीट में लिखा - राहुल गांधी की अडानी महामेगा स्कैम से जुड़े पीएम पर की टिप्पणियों को हटाया, लोकसभा में लोकतंत्र का किया गया अंतिम संस्कार। ओम शांति।
राहुल गांधी ने कल मंगलवार को संसद में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। राहुल ने कहा था कि देश के एयरपोर्टों का अपहरण कर अडानी को सौंप दिए गए। अडानी के पास एयरपोर्ट चलाने का कोई अनुभव नहीं था। अडानी को रक्षा उपकरण बनाने का अनुभव नहीं है लेकिन उस समूह को इस्राइल से ड्रोन बनाने का ठेका मिलता है, जबकि सरकारी कंपनी एचएएल और अन्य कंपनियां पहले से ही ड्रोन बना रही है। अडानी के लिए हमारी विदेश नीति को बदल दिया गया।
8 फरवरी को निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नोटिस दिया। अभी तक ओम बिड़ला ने कोई फैसला नहीं लिया है।
क्या हैं संसदीय नियमः संसदीय नियमों के अनुसार, एक शिकायतकर्ता को किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने के लिए उसकी पहचान की घोषणा करनी चाहिए और साथ में सबूत, दस्तावेजी या जो भी है, प्रस्तुत करना चाहिए। यदि किसी सांसद द्वारा शिकायत की जाती है, तो यह तय करना उस सदस्य का कर्तव्य होगा कि शिकायत झूठी, तुच्छ या तंग करने वाली नहीं है और नेक नीयत से की गई है। किसी सांसद द्वारा शिकायत किए जाने की स्थिति में शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
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