कोरोना के ख़िलाफ़ जिस वैक्सीन को 'राम-बाण' इलाज माना जा रहा था वह वैक्सीन दरअसल कमजोर पड़ती दिख रही है। देश में ऐसे 87 हज़ार कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लगाई गई थी। आज ही एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई में किए गए इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर के एक अध्ययन में पाया गया है कि डेल्टा वैरिएंट में दोनों खुराक लगवाए लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता है। हालाँकि इसमें कहा गया है कि टीका लगाए लोगों में मृत्यु दर कम होती है। इंग्लैंड के एक शोध में भी कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाए लोगों को डेल्टा वैरिएंट संक्रमित कर रहा है।