काबुल पर क़ब्ज़ा करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के तीन दिन बाद ही तालिबान के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।