अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा करने में सफल रहे तालिबान ने वहां सरकार बनाने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं और इसे लेकर उसके कुछ प्रमुख लोग तमाम नेताओं से मुलाक़ात भी कर रहे हैं। लेकिन क्या सरकार बनाने को लेकर तालिबान के बड़े नेताओं के बीच फूट पड़ गयी है?
तालिबान में फूट?, काबुल हक़्क़ानी नेटवर्क के कब्जे में तो कंधार मुल्ला याक़ूब के
- दुनिया
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- 19 Aug, 2021
एक ओर जहां हक्कानी नेटवर्क ने काबुल पर कब्जा जमा रखा है, वहीं दूसरी ओर, तालिबान के एक गुट की क़यादत मुल्ला याक़ूब के हाथ में है।

पहले यह समझना ज़रूरी होगा कि तालिबान के चार बड़े नेता कौन-कौन हैं। तालिबान का प्रमुख मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा है। वह 2016 में तालिबान के तत्कालीन प्रमुख मुल्ला मंसूर अख़्तर के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद इस पद पर आया था। इसके बाद नंबर है मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर का। मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर तालिबान की राजनीतिक शाखा का प्रमुख है। बरादर ने मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान की नींव रखी थी और वह तालिबान का प्रमुख रहा है।