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हिमाचल में मोदी- 'कांग्रेस आ गई तो कुछ करने नहीं देगी'

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोट 12 नवंबर को पड़ेंगे। लेकिन उससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को हिमाचल में दो रैलियां करके चुनाव को पलटने की कोशिश की। उनके निशाने पर सिर्फ कांग्रेस रही। हालांकि राज्य में पिछले पांच वर्षों से बीजेपी सरकार है और बीच में सीएम भी बदले गए लेकिन पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस रही। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में खासतौर पर कहा कि कांग्रेस वाले यहां बैठ गए तो कुछ भी नहीं होगा। कांग्रेस वाले करने नहीं देंगे। हमने यह नहीं सोचा कि पांच साल बाद यहां सरकार बदलेगी। हमारे लिए यहां का हर नागरिक भगवान का रूप है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को चंबा और हमीरपुर इलाके में दो रैलियां कीं। दोनों जगहों पर उन्होंने कहा कि हिमाचल में यह मेरी आखिरी चुनावी जनसभा है। मैं हिमाचल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि वो रिवाज बदलेंगे या नहीं। मैंने देखा है कि लोग हिमाचल में बीजेपी को फिर से सत्ता में लाएंगे और फिर हिसाब मांगेंगे। लेकिन कांग्रेस हिमाचल में विकास की चक्की को रोकना चाहती है। कांग्रेस ने आपकी परवाह इसलिए नहीं की, क्योंकि उसे मालूम है कि हिमाचल के लोग हर पांच साल बाद सरकार बदल देते हैं। आपको यह रिवाज बदलना है।

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मोदी का पूरा भाषण कांग्रेस पर फोकस रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खत्म हो रही है। जहां से गई, दोबारा नहीं लौटी। तमिलनाडु में 60 साल पहले गई थी तो आज तक नहीं लौटी। नागालैंड में 25 साल से कांग्रेस नहीं आई। यूपी, गुजरात, बिहार ने 40 वर्षों से कांग्रेस को रोक रखा है। मैं प्रधान सेवक के रूप में आपका दोबारा आशीर्वाद लेने आया हूं। कांग्रेस का  ध्यान काली कमाई करने पर रहता है। पांच साल उसके नेता यही काम करते हैं। जनता के बारे में नहीं सोचते। अंत में पीएम मोदी ने भीड़ से पूछा - मेरी आखिरी सभा, रिवाज बदलना है या नहीं। इस पर भीड़ ने जवाब दिया - हां जी, हां जी।

बारी-बारी से शासन

हिमाचल भी केरल की तरह हर पांच साल बाद सरकार बदल देता है। हिमाचल में 1982 से कांग्रेस और बीजेपी के बीच बारी-बारी से शासन का इतिहास है। इस साल चुनाव 12 नवंबर को होंगे। कल से चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। इस साल मतदान प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भी है, जहां 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।

हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों पर कुल 412 प्रत्याशी मैदान में हैं। बीजेपी और कांग्रेस मुख्य मुकाबले में हैं लेकिन दोनों ही पार्टियों में बागियों ने अपनी-अपनी पार्टियों की हालत खराब कर दी है। बीजेपी में ऐसे बागियों की संख्या 21 बताई गई है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी ने खुद फोन करके बागी नेताओं को मनाने की कोशिश की थी। लेकिन अभी तक वो प्रत्याशी चुनाव मैदान से हटा नहीं है।
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राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि बीजेपी के सामने तीन बड़ी मुश्किलें खड़ी हैं। वो मुश्किलें बुधवार के पीएम के भाषण में भी सामने आईं। हिमाचल में बीजेपी का कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। कोई बी या सी पार्टी उसकी मदद के लिए यानी विभिन्न जातियों के वोट काटने के लिए मौजूद नहीं है। कांग्रेस में जिस बड़ी बगावत की उम्मीद बीजेपी को थी, उल्टा बीजेपी उसमें फंस गई। हिमाचल की परंपा है कि वो केरल की तरह हर पांच साल में कांग्रेस सरकार आती रही है। यही वजह है कि पीएम मोदी को इस रिवाज को बदलने की अपील हिमाचल की रैलियों में करना पड़ी।
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क़मर वहीद नक़वी
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