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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (बाएं) और अनुराग ठाकुर

हिमाचल उपचुनावः सुक्खू से क्या बदला लेना चाहते हैं अनुराग ठाकुर

हिमाचल में तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, हमीरपुर, नालागढ़ में उपचुनाव 10 जुलाई को है। हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर कई दिनों से डेरा डाले हुए हैं। उनका पूरा फोकस अपने निर्वाचन क्षेत्र हमीरपुर पर है। दरअसल, इसकी खास वजह है। इनमें से दो सीटें - देहरा और हमीरपुर अनुराग ठाकुर की हमीरपुर लोकसभा सीट में आती हैं। ठाकुर 2008 से लगातार पांच बार यहां से जीत चुके हैं। इससे पहले, ठाकुर के पिता, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, प्रेम कुमार धूमल ने तीन बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। तीसरा उपचुनाव नालागढ़ में है जो शिमला लोकसभा क्षेत्र में आता है।

तीन विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार सोमवार 8 जुलाई को शाम 5 बजे खत्म होने वाला है। अनुराग ठाकुर तीन दिनों से हमीरपुर में जमे हुए हैं। उन्होंने रविवार को हमीरपुर में आधा दर्जन चुनावी सभाओं को संबोधित किया। सोमवार को वो भाजपा उम्मीदवार आशीष शर्मा के समर्थन में बाइक रैली का नेतृत्व भी कर रहे हैं। शनिवार को, ठाकुर देहरा में थे, जहां उन्होंने भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह चंब्याल के लिए अपने अभियान के तहत विभिन्न बैठकें कीं।

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देहरा की जीत सुक्खू के लिए जरूरी

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर देहरा सीट से चुनावी मैदान में हैं। देहरा सीट अब उनके लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। कांग्रेस भी हमीरपुर जिले की लड़ाई को इसलिए महत्वपूर्ण मानती है क्योंकि सुक्खू हमीरपुर जिले के नादौन से आते हैं। जहां से वो विधायक भी हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की हरोली सीट भी इसी जिले में आती है। इस तरह कांग्रेस के लिए भी हमीरपुर उतना ही खास है। हालांकि सुक्खू ने कांग्रेस के बाकी दो उम्मीदवारों के लिए भी चुनाव अभियान तेज कर रखा है। सुक्खू का लक्ष्य इन उपचुनावों को जीतना इसलिए है, ताकि राज्य में कांग्रेस की मजबूत पकड़ का संदेश दिया जा सके।

 
इन तीनों सीटों पर उपचुनाव यहां के पिछले विधायकों के पाला बदलने की वजह से हो रहे हैं। कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने फरवरी के राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। उसके बाद तीनों विधायकों के इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद तीनों सीटें खाली हो गई थीं। अब उन तीनों को भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपनी-अपनी सीटों से मैदान में उतारा है। जिनमें हमीरपुर से केएल शर्मा, नालागढ़ से केएल ठाकुर और देहरा से होशियार सिंह चंब्याल है।

इस साल फरवरी में, कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए थे और राज्यसभा चुनाव में हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग हुई थी। उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। उनकी सीटों पर चुनाव 1 जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में राज्य के चार संसदीय क्षेत्रों के साथ हुए थे।

इन छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में से कांग्रेस ने चार पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने दो पर जीत हासिल की। इन छह सीटों में से चार हमीरपुर लोकसभा सीट का हिस्सा थीं, जिनमें से तीन पर कांग्रेस को जीत मिली और एक पर बीजेपी को जीत मिली। अनुराग ठाकुर इसी वजह से हमीरपुर की दोनों सीटें इस उपचुनाव में जीत कर पिछला बदला सुक्खू से लेना चाहते हैं।
कांग्रेस ने 4 सीटों पर जीतकर राज्य विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत की थी। 65 सदस्यीय सदन में भाजपा की 27 सीटों की तुलना में कांग्रेस की 38 सीटें हैं। सुक्खू तब से मजबूत होकर उभरे हैं, हालांकि उन्हें कांग्रेस सरकार को और मजबूत करने के लिए कुछ और उपचुनावों में जीत की जरूरत है। जिसमें ये तीनों उपचुनाव आते हैं।
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दूसरी तरफ अनुराग ठाकुर उपचुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं ताकि यह संकेत दिया जा सके कि हमीरपुर क्षेत्र में उनका दबदबा कायम है और वे विधानसभा सीटों पर भी जीत हासिल कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव में, ठाकुर ने हमीरपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल रायज़ादा को 1.82 लाख वोटों के अंतर से हराया और सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की। लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र में एकसाथ हुए उपचुनाव में सीटें हार गए।
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क़मर वहीद नक़वी
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