प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस की यात्रा पर मॉस्को पहुँचे। उन्होंने अपने नये कार्यकाल के अपने पहले द्विपक्षीय दौरे के लिए रूस को चुना, वह भी तब जब आम तौर पर भारत के नये प्रधानमंत्री अपनी पहली यात्रा पड़ोसी देशों में करने की प्रथा का पालन करते रहे हैं। पीएम मोदी खुद पहले ऐसा करने के लिए पड़ोसी देशों को चुनते रहे थे। लेकिन इस बार उन्होंने रूस को चुना है। तो क्या पीएम मोदी की इस यात्रा के गहरे मायने हैं और क्या पश्चिमी दुनिया के लिए गहरे संदेश हैं?
पीएम मोदी रूस पहुँचे, जानिए एजेंडा क्या है
- विश्लेषण
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- 8 Jul, 2024
मोदी पुतिन से लगभग उसी समय मिलेंगे जब उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो के 32 देशों के नेता रूस विरोधी सैन्य गठबंधन की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 9-11 जुलाई तक वाशिंगटन डीसी में जुटेंगे।

इन सवालों के जवाब पाने से पहले यह जान लें कि आख़िर इस यात्रा को लेकर क्या कहा गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मोदी और पुतिन अपनी बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के मौजूदा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करेंगे। मॉस्को में मोदी के कार्यक्रम में पुतिन के साथ एक निजी बैठक, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, रेस्ट्रिक्टेड वार्ता, प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए पुतिन द्वारा आयोजित लंच जैसा कार्यक्रम शामिल है। बहरहाल, मॉस्को में पहुँचने पर उनका गार्ड ऑफ़ ऑनर से स्वागत किया गया।