भारत में हुकूमत चला रही बीजेपी इन दिनों गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश कर रही है। दोनों राज्यों के सियासी हालात देखने के बाद समझ आता है कि 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में बगावत का कहीं कोई शोर नहीं है जबकि 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में 16 सीटों पर पार्टी के नेता बगावत पर उतर आए हैं और उन्होंने चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन भर दिया है।
हिमाचल प्रदेश बीजेपी में बवाल क्यों नहीं रोक पा रहे नड्डा?
- हिमाचल
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- 28 Oct, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में इतने बड़े बदलावों के बाद भी जब बगावत का कहीं कोई शोर नहीं है तो छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश में जेपी नड्डा सियासी हालात क्यों नहीं संभाल पा रहे हैं।

इन नेताओं को मनाने में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के पसीने छूट गए हैं। 29 अक्टूबर को नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन है और अगर पार्टी अपने बगावती नेताओं को मैदान से हटाने में सफल नहीं रही तो उसे हिमाचल प्रदेश की सत्ता गंवानी भी पड़ सकती है।
गुजरात में बीजेपी मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही पूरी कैबिनेट भी बदल चुकी है लेकिन बावजूद इसके असंतोष का कोई बड़ा स्वर नहीं सुनाई देता। जबकि हिमाचल प्रदेश बीजेपी में पिछले साल हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद से ही नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था।