हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा क्षेत्र हैं, यहाँ इस समय चारों सीटों पर बीजेपी क़ाबिज़ है और प्रदेश में सरकार भी बीजेपी की है। इसी के चलते विपक्षी दल कांग्रेस को यहाँ चुनाव जीतना आसान नहीं है। चुनावी बिगुल बज चुका है और बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही दल मैदान में हैं।
चुनाव प्रचार में बीजेपी कांग्रेस से कहीं आगे है, लेकिन प्रत्याशियों को पहली लड़ाई टिकट पाने है। बता दें कि प्रदेश में चुनाव सातवें चरण में है जो 19 मई को है। दोनों ही दल इसी लिहाज़ से अपने-अपने उम्मीदवार घोषित करेंगे। वर्तमान में मंडी से बीजेपी के रामस्वरूप शर्मा सांसद हैं तो वहीं शिमला से वीरेंद्र कश्यप हैं। कांगड़ा-चंबा सीट से बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता शांता कुमार सांसद हैं। वहीं हमीरपुर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर सांसद हैं।
शांता कुमार पर विचार
इस समय सबसे अधिक चर्चा कांगड़ा के सांसद शांता कुमार को लेकर हो रही है। उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन फिर कुछ समय पहले पार्टी नेतृत्व पर निर्णय छोड़ने की बात कह कर सियासी माहौल गर्म कर दिया है। लिहाज़ा अगर शांता कुमार चुनाव नहीं लड़ते हैं तो कांगड़ा से बीजेपी का कौन चेहरा होगा, इस पर भी मंथन जारी है।बीजेपी में शांता कुमार के अलावा प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का नाम भी ज़ोरों पर है। इसके अलावा केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज, फतेहपुर से विधायक का चुनाव लड़ चुके कृपाल परमार, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, पूर्व विधायक दूलो राम के नाम भी चर्चा में हैं। यह नाम आगे उसी सूरत में बढ़ेंगे,जब ख़ुद शांता कुमार ही मैदान से हट जायें और चुनाव लड़ने से मना कर दें।
टिकट के लिए लगी होड़
वहीं, शिमला संसदीय चुनाव क्षेत्र से बीजेपी के वर्तमान सांसद वीरेंद्र कश्यप का टिकट भी आलाकमान के लिए काटना आसान नहीं होगा। कश्यप अभी इस रिज़र्व सीट से मज़बूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं। हालाँकि शिमला से बीजेपी में टिकट की दौड़ में कई नए चेहरे भी आ गये हैं। इनमें जयराम सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल के अलावा पच्छाद से विधायक सुरेश कश्यप, रोहडू से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशि बाला, शिमला मेयर कुसुम सदरेट और एचएन कश्यप का नाम भी उनके समर्थक उछाल रहे हैं।
इसी तरह मंडी से बीजेपी के मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा भी मज़बूत दावेदार हैं। रामस्वरूप का नाम मंडी सम्मेलन के दौरान ख़ुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ले चुके हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम के गृह संसदीय क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के ताल ठोकने के बाद सियासी माहौल बदल गया है। इसके अलावा कुल्लू से विधानसभा चुनाव हार चुके महेश्वर सिंह और अजय राणा के नाम भी संभावित प्रत्याशियों के तौर पर लोगों की ज़ुबान पर हैं।
बता दें कि हमीरपुर के वर्तमान सांसद अनुराग ठाकुर ने भी अगले चुनाव को लेकर एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रखा है, लेकिन पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद से कुछ नए नामों की चर्चा है। इनमें सबसे बड़ा नाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का है। इसको लेकर सत्ती ने तो दावा नहीं किया है, लेकिन समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनके नाम को लेकर चर्चा छेड़ रखी है। पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का नाम अभी भी टिकट के दावेदारों में चल रहा है।आने वाले दिनों में अब यह देखना होगा कि पार्टी मौजूदा सांसदो पर विश्वास व्यक्त कर एक बार फिर उन्हें मैदान में उतारती है या फिर बदलाव लाकर सभी को चौंकाती है।
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