कोरोना बीमारी का अब तक न तो टीका बना है और न ही इलाज के लिए कोई दवा है। फिर इलाज कैसे हो? इसी उलझन में कई तरह के उपचारों में लोगों को उम्मीद दिख रही है। कोरोना के मरीजों को मलेरिया वाली दवा देना भी ऐसी ही एक उम्मीद भर है। ऐसी ही उम्मीद की किरण अब प्लाज्मा थेरेपी में दिख रही है। तो ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कितना कारगर है?
ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है जिसमें कोरोना इलाज में उम्मीद की किरण दिख रही है?
- स्वास्थ्य
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- 17 Apr, 2020

कोरोना बीमारी का अब तक न तो टीका बना है और न ही इलाज के लिए कोई दवा है। उम्मीद की किरण अब प्लाज्मा थेरेपी में दिख रही है। तो ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कितना कारगर है?
प्लाज्मा थेरेपी को आसान तरह से ऐसे समझें। कोरोना का पक्के तौर पर इलाज फ़िलहाल नहीं है। अभी तक जो पक्का है वह यह है कि आदमी का शरीर ही उस दुश्मन वायरस से लड़ रहा है। शरीर में इम्यून सिस्टम होता है और यही उस दुश्मन वायरस से लड़ता है। इम्यून सिस्टम यानी बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता। शरीर के ख़ून में यह क्षमता यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित होती है। आसान भाषा में कहें तो शरीर राज्य है तो इम्यून सिस्टम उसका सैनिक। जब वायरस, बैक्टिरिया या फंगस जैसा कोई दुश्मन बाहर से हमला करता है तो यह सैनिक बचाव में उतर आता है। कोरोना वायरस से लड़ाई में अधिकतर मरीज़ों में यह सैनिक वायरस को ख़त्म कर दे रहा है और कुछ मामलों में शरीर हार जा रहा है और मौत हो जा रही है।