कोरोना वायरस मरीज़ों के इलाज के लिए जिस दवा से उम्मीदें बंधी थीं उन पर संदेह के बादल छा गए हैं। अनजाने में जारी कर दिए गए एक रिपोर्ट के एक मसौदे में कहा गया कि पहले क्लिनिकल परीक्षण में दवा फ़ेल रही है।
कोरोना बीमारी का अब तक न तो टीका बना है और न ही इलाज के लिए कोई दवा है। उम्मीद की किरण अब प्लाज्मा थेरेपी में दिख रही है। तो ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कितना कारगर है?