मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए कृषि विधेयकों का उत्तर भारत के दो राज्यों हरियाणा और पंजाब में जोरदार विरोध हो रहा है। विरोध यहां तक आ पहुंचा है कि इस मुद्दे पर बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है। इसके बाद एक दूसरी सहयोगी जेजेपी से सवाल पूछा जा रहा है कि आख़िर वह कब बीजेपी से नाता तोड़ेगी क्योंकि वह हरियाणा में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है।
हरियाणा: अकाली दल के क़दम के बाद दबाव में जेजेपी, इस्तीफ़ा देंगे दुष्यंत?
- हरियाणा
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- 18 Sep, 2020
मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए कृषि विधेयकों का उत्तर भारत के दो राज्यों हरियाणा और पंजाब में जोरदार विरोध हो रहा है।

जून में जब मोदी सरकार ने इन कृषि अध्यादेशों को संसद के मॉनसून सत्र में लाने का एलान किया था, तभी से हरियाणा और पंजाब में इनके ख़िलाफ़ चिंगारी सुलग रही थी। किसानों ने रणनीति बनाई और 10 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में इन अध्यादेशों के ख़िलाफ़ हरियाणा के कुरूक्षेत्र के पीपली नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। इसके बाद उनकी पुलिस से भिड़ंत हुई थी। प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पुतले भी फूंके थे।
तेज़ होगा आंदोलन
पुलिस ने इसे लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज कर दिए। लेकिन चढ़ूनी का कहना है कि अगर इन अध्यादेशों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो 20 सितंबर को राज्य की सभी सड़कों को जाम कर दिया जाएगा।