loader

हरियाणाः भाजपा में बगावत, दलबदलुओं को टिकट, परिवारवाद हावी, कई इस्तीफे

बीजेपी ने 67 नामों की पहली सूची जारी कि और इसी के साथ पार्टी को पूरे राज्य में बगावत का सामना करना पड़ा है।ओबीसी मोर्चा प्रमुख करण देव कंबोज, किसान मोर्चा प्रमुख सुखविंदर श्योराण और रतिया विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राज्य में भाजपा सरकार में मंत्री रणजीत सिंह ने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समर्थकों की बैठक बुलाई है। रणजीत सिंह ने "भाजपा के साथ या उसके बिना" चुनाव लड़ने की कसम खाई है।

भाजपा में बीजेपी के टिकट के दावेदारों में जिस बात को लेकर गुस्सा बढ़ रहा है, वह कम से कम 10 लोगों का नामांकन है, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। इसमें जेजेपी के तीन पूर्व विधायक, एक पूर्व मंत्री के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा शामिल हैं। ये सभी हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए और इन्हें टिकट से नवाजा गया।

ताजा ख़बरें

मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की बागवत

हरियाणा के बिजली मंत्री और पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। रणजीत ने डबवाली से चुनाव लड़ने के भाजपा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। वो रानिया से आजाद उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे। इसकी घोषणा उन्होने अपने समर्थकों के बीच गुरुवार को की। अपनी ताकत दिखाने के लिए वो 8 सितंबर को रानिया में रोड शो करने जा रहे हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें हिसार से टिकट दिया था लेकिन रणजीत लोकसभा चुनाव हार गए थे। भाजपा ने रानिया से इस बार सतपाल कांबोज को टिकट दिया है। हालांकि 2019 में रणजीत सिंह रानिया विधानसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता था, लेकिन बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए थे।

Haryana: Resignation of old leaders after turncoats get tickets in BJP - Satya Hindi
रणजीत सिंह चौटाला की भाजपा से बगावत। निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। रणजीत ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे हैं।

विभिन्न जिलों से आ रही रिपोर्टों में कहा गया है कि रोहतक जिले के महम से टिकट के प्रबल दावेदार वरिष्ठ नेता शमशेर खरखड़ा ने पहलवान दीपक हुड्डा के नामांकन के बाद पार्टी छोड़ दी। इसी तरह, एक अन्य प्रमुख दलित नेता सीमा गैबीपुर ने उकलाना से जेजेपी के अध्यक्ष अनूप धानक के नामांकन के बाद इस्तीफा दे दिया।

नारनौंद से जेजेपी के पूर्व विधायक राम कुमार गौतम को सफीदों से पार्टी का टिकट मिलने से भाजपा नेता और पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य भी नाराज हैं। वह निर्दलीय चुनाव लड़ने का विकल्प तलाश रहे हैं। इस बीच, वरिष्ठ नेता जय भगवान शर्मा थानेसर में अपनी ताकत दिखा रहे हैं, जहां से पार्टी ने राज्य मंत्री सुभाष सुधा पर फिर से भरोसा जताया है।

पृथला से टेक चंद शर्मा का नामांकन मौजूदा निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत को पसंद नहीं आया, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों से भाजपा सरकार का समर्थन कर रखा था। रावत भाजपा से टिकट रूपी इनाम की उम्मीद कर रहे थे।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रमुख करण देव कंबोज ने अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि भाजपा दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा प्रतिपादित अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है। भाजपा उन गद्दारों को पुरस्कृत कर रही है जिन्होंने वर्षों से पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। कंबोज ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का अपना विकल्प खुला रखते हुए कहा, "जबकि मेरे जैसे प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है, विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर पार्टी में शामिल होने वालों को टिकटों से पुरस्कृत किया जा रहा है।"

भाजपा पर परिवारवाद का आरोपः भाजपा दिनरात उठते बैठते कांग्रेस, सपा और आरजेडी को परिवारवाद बढ़ाने के लिए कोसती थी। लेकिन अब भाजपा भी इन्हीं दलों के रास्ते पर चल पड़ी है। वो केंद्रीय मंत्रियों के बेटे-बेटियों, भाई और अन्य रिश्तेदारों को धड़ल्ले से टिकट दे रही है। दक्षिण हरियाणा में अहीरवाल के अटेली विधानसभा क्षेत्र में कड़ी लड़ाई देखने को मिल सकती है, जहां भाजपा ने केंद्रीय मंत्री और प्रभावशाली अहीर नेता राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को मैदान में उतारा है। जेजेपी ने पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राव नरबीर सिंह की भतीजी आयुषी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अटेली से मौजूदा बीजेपी विधायक सीताराम यादव का टिकट काट दिया है।

आरती राव का यह पहला चुनाव होगा। हालाँकि, उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट के लिए भी कोशिश की थी। इस बार आरती ने पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी लेकिन उन्होंने चुनाव क्षेत्र का नाम गुप्त रखा था। हालाँकि, उन्होंने कहा था कि अटेली उन दो जिलों में से एक है जहां से वह विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर रही हैं।

भाजपा के टिकटों को लेकर जम्मू कश्मीर में भी बवाल मचा था। नेशनल कॉन्फ्रेंस थोड़कर दो हफ्ते पहले भाजपा में आए देवेंद्र सिंह राणा को टिकट दिया गया है। देवेंद्र की खासियत यह है कि वो केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के भाई हैं। इससे पहले उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा है। जम्मू में पार्टी के अंदर कई इस्तीफे हो गए। पुराने कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा दलबदलुओं की पार्टी बनती जा रही है। जो टिकट वितरण हुआ है उसमें दलबदलुओं की ही चली है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें