पंजाब-हरियाणा के खनोरी बॉर्डर पर 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे कैंसर से ग्रसित जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य की हालत चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। अन्य नेता किसानों की मांगों को लेकर शम्भू बॉर्डर, रतनपुरा बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं लेकिन हरियाणा प्रदेश की सरकार उनको आगे नहीं जाने देने का कठोर रवैया अपनाये हुए है। गतिरोध निरंतर बना हुआ है। उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने किसानों की रास्ता खोले जाने की अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हरियाणा सरकार की आपत्ति को स्वीकार करके किसान शांतिपूर्वक ढंग से पैदल दिल्ली जाने और केंद्र की सरकार से अपनी मांगों के समाधान के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा।
14 दिसंबर को फिर दिल्ली मार्च, पर बैरिकेड को कैसे पार करेंगे किसान?
- हरियाणा
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- जगदीप सिंधु
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- 12 Dec, 2024

जगदीप सिंधु
हरियाणा सीमा पर डटे किसानों ने फिर से 14 दिसंबर को अपना जत्था दिल्ली की ओर बढ़ाने की घोषणा की है। लेकिन सवाल है कि दो बार रोके जाने के बाद भी वे आख़िर कैसे आगे बढ़ेंगे? जानें किसानों की मांगें क्या हैं।
फ़सलों का पूरा उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों और उनके परिवारों का जीवन साल दर साल दूभर होते हुए वर्तमान में कर्ज के कुचक्र में फँस गया है। सरकार द्वारा घोषित मूल्य से किसान की लागत खर्च भी पूरा नहीं हो पाता जिससे किसान कर्ज में फँस रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एक कमेटी के हाल के अध्ययन में पाया गया है कि 2022 -23 में हरियाँ में किसानों पर 76630 करोड़ का कर्ज है जिसमें 32% निजी स्रोतों से लिया हुआ है। पंजाब के किसानों पर 73673 करोड़ रुपये कर्ज है जिसमें 21% निजी स्रोतों से लिया हुआ कर्ज है। प्राकृतिक आपदाओं की मार के साथ-साथ फ़सलों के उत्पादन के लिए बढ़ती लागत और कम दाम पर बेचने की मजबूरी से होने वाले नुक़सान की भरपाई का कोई ठोस समाधान किसानों के पास नहीं है। कृषि प्रधान देश में एक बड़ी आबादी खेती किसानी पर निर्भर है।
- Farmers Protest
- Jagjeet Dallewal